Thursday, December 31, 2009

मैं क्या चाहता हूँ.............

खोल के बाहें अपनी मैं,
उड़ जाना चाहता हूँ,
थामना चाहता हूँ,
सारे आसमान को ,
बस उड़ना चाहता हूँ.
मत रोको मुझ मतवाले को,
मैं बस अपनी धून में जीना चाहता हूँ.
नापना चाहता हूँ सागर की गह्रइयो को,
आसमान में घर बनाना चाहता हूँ.
पर्वतो से दोस्ती कर,
हिमालय को झुकाना चाहता हूँ.
मैं बस जीना चाहता हूँ.

आप सबको २०१० के लिए ढेर सारी शुभकामनाये. भगवान् आपकी जीवन यात्रा को सुखद और मंगलमय बनाये. आप के लिए उन्नति के नए मार्ग खोले और आप सब खुश रहे.

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