Thursday, August 26, 2010

जीवन एक सागर..ज़िन्दगी एक नाव !

जीवन एक सागर..


ज़िन्दगी एक नाव,

हम हैं केवट और हमारा संघर्ष उसकी पतवार,

पतवार संभाले हम भी चल रहें हैं जीवन सागर में,

और करोडो लोग हमारे साथ.

न जाने कहाँ किनारा हैं इस सागर का,

किसी को भी नहीं हैं इसका एहसास.

किसी की नाव गोते खा रही ,

किसी को लहरों का मिल रहा हैं साथ.

कोई लेकर चल रहा अपनों को लेकर साथ,

कोई अकेला ही चप्पू चला रहा और कर रहा मंजिल की तलाश.



हर एक का बस एक लक्ष्य ,

जाना हैं इस सागर के पार,

कोई सीधी रखता हैं पतवार,

कोई हवायो के रुख को देख कर चल रहा अपनी चाल.

कोई तेज चप्पू चलता ,

कोई रखता अपनी मंद चाल.



कितने पीछे छूट रहे इस सफ़र पर,

कितनो का मिल रहा हैं साथ.



जीवन सागर में ज़िन्दगी नाव,

करती जाती कितने पड़ाव पार.



जारी हैं अनंत काल से ये सफ़र ,

पता नहीं कितनो ने पार किया ये सागर,

चलो चलो , आगे चलो ....

शायद हम भी हो जाए उस पार.

2 comments:

  1. एक बात दिमाग की दही में घुसी........ हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती.

    कृपया शब्द वेरिफिकाशन हटा दें.

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