Wednesday, November 10, 2010

एक कदम

" तू चल तो सही अपने कदम,

हर हालत में कही न कही पहुच ही जायेगा.

बैठा रहेगा एक जगह पर तो,

वही पर रह जायेगा.

कदम छोटे ही भले ही चल,

मगर कदमो को रुकने मत दे,

नदी की तरह खुद अपने रास्ते बना लेगा.

कदमो को गर जरुरत पड़े तो थोडा विश्राम दे,

मगर एक जगह पर टिक अपने मंजिल से अपने को दूर मत कर.

चल चला चल ......कदमो से अपने कितनो के लिए रास्ते बनाता चल. "

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