Wednesday, June 15, 2011

मेरी सौवी कविता ........बदलाव

जब तक हम नहीं बद्लेगे, दुनिया नहीं बदलेगी. 
जब हम बदलेंगे , तब ये दुनिया बदलेगी. 
बदलने और बदलवाने की ये आंधी ,हम से ही शुरू होगी , 
तब जाकर आगे बढेगी. 
एक एक के बदलने से, कारवां बनता जायेगा, 
एक दिन फिर ये कारवां , बदलाव का सुनहरा सैलाब लायेगा. 
तो बदलने की शपथ आज से ही लेनी होगी, 
कल तो आता नहीं कभी, अभी से शुरुवात करनी पड़ेगी. 
जो बुरा हैं वो बुरा हैं उसका विरोध करना ही पड़ेगा, 
जो अच्छा है उसको स्वीकार करना ही पड़ेगा. 
बनाना है दुनिया को अपने मुताबिक तो, 
कुछ तो यहाँ करना पड़ेगा. 

Sunday, June 5, 2011

बाबा जी का सत्याग्रह ...

बाबा जी ने कसम खाई, 
भ्रष्टाचार मिटाना हैं, 
विदेशो में पड़ा सारा काला धन, 
अपने देश में लाना हैं. 
रामलीला मैदान में आकर हुंकार जोरो से भरी, 
सरकार ने भी अपनी कुटिल चाल चली, 
बाबा के सत्याग्रह को ना जाने किसकी नजर लगी, 
दो दिन में ही सरकार ने दमन का चाबुक चलाया, 
बाबाजी ने महिला वेश में अपने को छुपाया, 
जैसे तैसे बाबाजी अपने धाम पहुचे, 
सरकार को खूब खरी खोटी सुना कर, 
फिर अनशन पर बैठे, 
न जाने कौन सही हैं और कौन गलत, 
आम आदमी अब ये सोचे !