Monday, August 17, 2015

वक्त और मैं .................

वक्त और मेरा झगड़ा चलता रहता हैं , मगर हर बार वो बाजी मार जाता हैं !
कितनी बार समझाया उसे , मगर वो फिर आगे निकल जाता हैं !!

अब मैंने भी समझौता सा कर लिया हैं , कदम ताल करनी ही पड़ेगी !
कुछ करना हैं ज़िन्दगी में तो वक्त के साथ दोस्ती करनी ही पड़ेगी !!

मगर बड़ा ज़िद्दी हैं ये वक्त , हर वक्त उकसाता रहता हैं !
थोड़ा भर भी सुस्ता  लूँ तो बहुत आगे निकल जाता हैं !!

मगर कहता भी हैं एक सच्चे दोस्त की तरह , की चलता रह साथ में कहीं न कहीं तो पहुँच ही जायेगा !
मरहम भी देता हैं और सिखाता भी हैं - हरदम एक बात को याद रखने को कहता हैं - "जल्द ही ये पल- अच्छा हो या बुरा बीत जायेगा" !!

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