Wednesday, February 24, 2016

ज़िन्दगी



अलसाई सी , अधखुली सी , अधजीयी सी ज़िन्दगी !
कभी खोई खोई सी , कभी अबूझ पहेली सी !!

कभी भावनाओ के ताप  में अधपकी सी , कभी थोड़ा बचपने में सेकी  सी !
कभी थोड़ा ज्ञान के घमंड से फूली सी जिंदगी , कभी थोड़ा ख़ुशी में भरपूर जीती ज़िन्दगी !!

कभी जो अपनी आँखों से देखा , उसको झुठलाती ज़िन्दगी !
कभी  सुने पर , यकीन करती ज़िन्दगी !!

कभी भावातिरेक में गलत फैसले लेकर कोसती ज़िन्दगी , कभी अपनी ही पीठ थपथपाती ज़िन्दगी !
मुट्ठी से रेत की तरह फिसलती ज़िन्दगी !!

कभी कुछ चिन्ताओ की ज़िन्दगी , कभी बिना बात के मुस्कराती ज़िन्दगी !
कभी किसी से गुस्सा होती ज़िन्दगी , कभी किसी पर बेपनाह प्यार लुटाती ज़िन्दगी !!

कभी सरपट भागती ज़िन्दगी , कभी फुर्सत के पलो में आराम फरमाती ज़िन्दगी !
बस यू ही चलती रहती हैं ज़िन्दगी !! 

Monday, February 1, 2016

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
सुबह माता पिता के चरण छू कर स्कूल जाते थे !!
टीचर की मार खाकर भी मुस्कराते थे !!!

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
धर्म - जात -पात - ऊँच -नीच का फर्क नहीं समझते थे !!
इंटरवल में  अपना टिफ़िन दूसरे को देकर उसका टिफ़िन हम खाते थे !!!

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
एक पल झगड़ा करते थे , दूसरे पल कंधो में हाथ डाले स्कूल से निकलते थे !!
एक जैसे नारे - सारे एक साथ लगाते थे !!!

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
हर रोज़ एक प्रतिज्ञा "हम सब देशवासी भाई बहन हैं " दोहराते थे !!
सब त्यौहार - होली , दिवाली, क्रिसमस , ईद , गुरूपर्ब मिलकर मनाते थे !!!


हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
दोस्तों के साथ कभी भी मंदिर - मस्जिद -गुरूद्वारे - चर्च चले जाते थे !!
हम भी जीसस - पैगम्बर - गुरु ग्रंथसाहब - शिव जी के आगे शीश नवाते थे !!!

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
कभी वो हमारी साइकिल में , कभी हम उनकी गाड़ियों में , कभी पैदल ही कहकहे लगाते थे !!
रोज़ हमारे फेवरेट हीरो हीरोइन - खेल खिलाडी बदलते थे !!!

हम कितने अच्छे थे , जब हम बच्चे थे !
झूठ बोलना पाप हैं , झूठ बोलने वालो से कुट्टी कर लेते थे !!
अपनी दुनिया में ही मगन रहते थे !!!