Wednesday, February 24, 2016

ज़िन्दगी



अलसाई सी , अधखुली सी , अधजीयी सी ज़िन्दगी !
कभी खोई खोई सी , कभी अबूझ पहेली सी !!

कभी भावनाओ के ताप  में अधपकी सी , कभी थोड़ा बचपने में सेकी  सी !
कभी थोड़ा ज्ञान के घमंड से फूली सी जिंदगी , कभी थोड़ा ख़ुशी में भरपूर जीती ज़िन्दगी !!

कभी जो अपनी आँखों से देखा , उसको झुठलाती ज़िन्दगी !
कभी  सुने पर , यकीन करती ज़िन्दगी !!

कभी भावातिरेक में गलत फैसले लेकर कोसती ज़िन्दगी , कभी अपनी ही पीठ थपथपाती ज़िन्दगी !
मुट्ठी से रेत की तरह फिसलती ज़िन्दगी !!

कभी कुछ चिन्ताओ की ज़िन्दगी , कभी बिना बात के मुस्कराती ज़िन्दगी !
कभी किसी से गुस्सा होती ज़िन्दगी , कभी किसी पर बेपनाह प्यार लुटाती ज़िन्दगी !!

कभी सरपट भागती ज़िन्दगी , कभी फुर्सत के पलो में आराम फरमाती ज़िन्दगी !
बस यू ही चलती रहती हैं ज़िन्दगी !! 

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