Wednesday, January 4, 2017

देश जगना चाहिये , देश चलना चाहिए

 हर स्तर पर प्रयास होना चाहिए ,
देश आगे बढ़ना चाहिए।  

चलो - उठो - भारत निर्माण करना हैं , 
हर हाथ में काम होना चाहिए।  

वक्त आ गया अब नए भारत का निर्माण करना होगा , 
हर भारतवासी को देश के लिए पहले सोचना होगा।  

अपने पुरखो की सींची धरा पर कर्म बीज बोना होगा , 
आने वाली पीढ़ी के लिए " स्वच्छ और निर्मल" भारत देना होगा।  

जात-पात , धर्म - अधर्म , ऊँच -नीच से ऊपर उठना होगा , 
हरेक नागरिक को अब " भारतीयता " को समझना होगा।  

हिमालय से कन्याकुमारी , कच्छ से अरुणाचल तक अब बिगुल फूँकना होगा , 
"विश्व गुरु " का गौरव फिर से वापस पाना होगा।  

सिंहनाद कर दे सवा अरब भारतवासी जिस दिन , 
दुनिया का कोना कोना थर्रा जायेगा। 

शर्त सिर्फ पहले यह हैं की , 
हमें अपने को अंदर से जगाना  होगा।  

अपनी ऊर्जा , सामर्थ्य और विवेक को , 
देश हित में लगाना होगा।  

हर हाल में अब देश जगना चाहिए , 
"विश्व विजय " की रणभेरी लेकर हर भारतवासी चलना चाहिए।  

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