Monday, January 8, 2018

जनता जनार्दन, हाजिर हो !



लोकतंत्र  तुम्हारा बिना अधूरा , 
हर पांच साल में प्रमाण दो , 
लोकतंत्र के मतदान पर्व में , 
जनता जनार्दन हाजिर हो।  

चुनकर अपने प्रतिनिधि , 
अपनी रोटी पानी का जुगाड़ करो , 
देश को कुतर जायेंगे , 
जनता -तुम छोटी मोटी बातो में लगे रहो।  

कभी किसी बात पर बर्गलाएँगे , 
कभी समाज में डर फैलायेंगे , 
छोटी सी बात का बतंगड़ , 
मुद्दे की बात गटक जायेंगे। 

पाँच साल बाद हिसाब किताब नहीं देंगे ,
अगले पांच साल का घोषणा पत्र छपवायेंगे , 
जीत कर फिर घोषणा पत्र जलवायेंगे , 
जनता के , जनता से , जनता द्वारा ये प्रतिनिधि , 
 कुर्सी से पांच साल चिपक जायेंगे।  

फिर आयेगा चुनाव , बिगुल बजेगा 
लोकतंत्र का पर्व फिर सजेगा , 
मुनादी होगी बार बार , 
छोड़ छाड़ कर सब अपने काम , 
" जनता जनार्दन " हाजिर हो।  

आधी जनता वोट डालेगी , 
आधी उस दिन छुट्टी मनायेगी , 
वोट न डालने वाले फिर जंतर मंतर जायेंगे , 
सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूकेंगे,
"जनता जनार्दन " हाजिर हो।  

(फोटो साभार - गूगल) 

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