Tuesday, February 6, 2018

संघर्ष



जिद्द है तो जूनून भी चाहिए
मंजिले यूँ ही हासिल नहीं होती ,
दाँव पर लगाना पड़ता है सब कुछ ,
कामयाबी यूँ ही खैरात में नहीं मिलती। 

पूछो जरा हीरे से ,
उसकी कीमत यूँ ही ज्यादा नहीं होती ,
जलकर , तपकर और भार सहकर ,
कालिख कोयले की उसे हटानी पड़ी। 

यूँ ही एवरेस्ट ने उच्चाई हासिल नहीं की ,
झेला उसने लाखो वर्षो का घर्षण ,
सिसक सिसक कर एक इंच बढ़ा ,
रातो रात उसकी तस्वीर नहीं बदली। 

उठो , गिरो , सम्भलो
फिर पुनः प्रयास करो
तोड़ेगी , मरोड़गी -ज़िन्दगी
कदम कदम पर इम्तेहान लेगी। 

हौंसलो में जिसके दम होगा ,
उसके माथे पर ही विजय तिलक होगा ,
ज़िन्दगी की संघर्ष गाथा का ,
वो नया नायक होगा।  

1 comment:

  1. How so easily and beautifully igniting thought got written .. Is unbelievable.. Really it makes me regain my whole energy synced with my consciousness resulting into a happy smiling face filled with optimism .... I cordially request you sir . Pls keep it working . At least for guys like Me

    ReplyDelete